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देहरादून। उत्तराखंड में आउटसोर्स से नौकरी लगने वाले बेरोजगारों को एक और कठिन परीक्षा यानी आरक्षण से गुजरना पड़ेगा। अब राज्य में सरकारी नौकरी के बाद आउटसोर्स के मार्फत होने वाली नियुक्ति में भी आरक्षण तय कर दिया है। आज इसका विधिवत शासनादेश जारी हो गया है। शासनादेश के मुताबिक अब आगे जिस भी विभाग में आउटसोर्स से भर्ती होगी, वहां आरक्षण का पालन करना अनिवार्य होगा।

उत्तराखंड में अब सरकारी विभागों में होने वाली आउटसोर्स भर्तियों में भी आरक्षण का लाभ मिलेगा। इस संबंध में कार्मिक विभाग ने सोमवार शाम को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया गया है। शासनादेश के मुताबिक, सरकारी दफ्तरों में विभिन्न सेवाओं से जुड़ी आउटसोर्स भर्ती में आरक्षण व्यवस्था को कड़ाई से लागू किया जाएगा। सचिव कार्मिक शैलेश बगोली ने समस्त मुख्य अपर सचिव एवं प्रमुख सचिव, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, समस्त विभागाध्यक्षों को शासनादेश प्रेषित कर कहा कि सरकारी विभागों में स्थायी नियुक्ति के अलावा अब टेम्परेरी पदों पर भी यदि आउटसोर्स से भर्ती होती तो उसमें आरक्षण का पालन करना अनिवार्य होगा। सरकार ने आउटसोर्स में यह व्यवस्था पहली बार की है। इससे जहां भर्ती प्रक्रिया में मनमानी रुकने से फायदा मिलेगा, वहीं आरक्षण की आड़ में प्रतिभाओं को नुकसान उठाना पड़ेगा। बहरहाल आरक्षण खत्म होने की बजाय अब संविदा या कुछ समय के लिए नौकरी पर रखे जाने वालों को आरक्षण से गुजरना पड़ेगा।

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